प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
“जीवन की आकांक्षाएं बच्चों के भेष में आती है” - रविंद्र नाथ टैगोर
यद्यपि हमारे बच्चों का कल्याण राष्ट्रीय विकास के लिए अनिवार्य है, इसे अपने आपमें उद्देश्य के रूप में देखना चाहिए। भारत के संविधान में अधिदेश के अनुसार बच्चों के समग्र विकास के लिए पर्याप्त अवसर एवं सहायता प्रदान करना देश की जिम्मेदारी है। भारत सरकार बच्चों को राष्ट्र निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक के रूप में मानती है। उनकी उम्मीदों और आकांक्षाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए तथा उनकी उपलब्धियों के बदले में उनको इनाम दिया जाना चाहिए।
हांलाकि हर बच्चा कीमती है और उसकी उपलब्धियों की सराहना की जानी चाहिए, कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनकी उपलब्धियां दूसरों के लिए प्रेरणा का काम करेंगी। इस प्रयोजन के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि नवाचार, शैक्षिक उपलब्धि, समाज सेवा, कला एवं संस्कृति, खेल एवं बहादुरी में हमारे बच्चों की असाधारण उपलब्धियों के लिए हर साल बाल शक्ति पुरस्कार दिया जाता है। साथ ही समर्पित व्यक्तियों एवं संस्थाओं जिन्होंनें बच्चों के कल्याण हेतु भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को संपूरित करने की दिशा में अथक प्रयास किया है, के योगदान को पहचान प्रदान करने के लिए बाल कल्याण पुरस्कार शुरू किया गया तथा यह दो श्रेणियों – व्यक्तिगत एवं संस्थागत में दिया जाता है।
नवाचार, शैक्षिक उपलब्धि, समाज सेवा, कला एवं संस्कृति, खेल एवं बहादुरी के क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि वाला कोई भी बच्चा पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकता है। साथ ही पुरस्कार के लिए इस बच्चे को ऐसा कोई व्यक्ति संस्तुत कर सकता है जो बच्चे की उत्कृष्ट उपलब्धि के बारे में जानता है। एक उच्च स्तरीय समिति प्रत्येक आवेदन पर ध्यान से विचार करने के बाद विजेताओं का चयन करती है ।